आईएएस का पूरा नाम “भारतीय प्रशासनिक सेवा” है। यह भारत की सबसे ऊँची नौकरी में से एक है, जिसमें विभिन्न स्तरों के अधिकारियों को भर्ती किया जाता है। आईएएस अधिकारी भारत सरकार में सीनियर नौकरियों में से एक होते हैं जो विभिन्न विभागों में काम करते हैं, जैसे कि प्रशासन, वित्त, पुलिस, जल संसाधन, स्वास्थ्य आदि।
आईएएस की परीक्षा भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाती है और इसमें तीन चरण होते हैं – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। इस परीक्षा के सफलतापूर्वक पास होने के बाद, उम्मीदवार आईएएस अधिकारी के रूप में भर्ती किए जाते हैं और वे भारत सरकार में विभिन्न विभागों में काम करते हैं।
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आईएएस (IAS) क्या होता है ?
आईएएस का पूरा नाम “Indian Administrative Service” होता है। यह भारत सरकार की सबसे ऊँची सिविल सेवा होती है जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी विभागों में काम करने वाले सीनियर अधिकारियों को भर्ती किया जाता है। आईएएस अधिकारी भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार सरकार की नीतियों और कानूनों को लागू करते हुए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में शासन का कार्य संभालते हैं।
आईएएस की परीक्षा भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाती है और इसमें तीन चरण होते हैं – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। इस परीक्षा के सफलतापूर्वक पास होने के बाद, उम्मीदवार आईएएस अधिकारी के रूप में भर्ती किए जाते हैं और वे भारत सरकार के विभिन्न विभागों में काम करते हैं।
आईएएस का मुख्य उद्देश्य देश के विकास को सुदृढ़ करना होता है। इसके लिए आईएएस अधिकारी समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं को समझते हुए उन्हें हल करने के लिए नीतियों का अनुसरण करते हुए काम करते हैं। इन अधिकारियों का काम अनेक क्षेत्रों में होता है जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, परिवहन, सुरक्षा, कृषि, पर्यावरण, सामाजिक कल्याण आदि।
आईएएस अधिकारियों के द्वारा नियंत्रण किए जाने वाले कार्यों में से कुछ हैं:
- सरकारी नीतियों और कानूनों के लागू होने की जांच करना।
- लोगों की समस्याओं को समझ कर उन्हें समाधान के लिए कार्यवाही करना।
- समाज को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक करना जो विकास के लिए उपयोगी हों।
- सरकार के विभिन्न विभागों के बीच संगठन करना ताकि कार्यक्रमों का निर्धारित समय पर पूरा हो सके।
- सरकारी धनराशि का उचित उपयोग करना और लोगों को सरकारी योजनाओं और योजनाओं के बारे में l
- चुनावों का प्रबंधन: आईएएस अधिकारी चुनाव के समय विभिन्न चुनावी प्रक्रियाओं का प्रबंधन करते हैं। इसमें वोटर लिस्ट, पोलिंग बूथों का व्यवस्थापन, इलेक्शन की सुरक्षा आदि शामिल होते हैं।
- देश के विकास के लिए नीतियों और योजनाओं का निर्माण: आईएएस अधिकारी देश के विकास के लिए नीतियों और योजनाओं का निर्माण करते हैं। उनका उद्देश्य यह होता है कि सभी लोगों के लिए उपयोगी नीतियां बनाई जाएं और समान विकास को सुनिश्चित किया जाए।
- समाज सेवा: आईएएस अधिकारी समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें हल करने के लिए नीतियों का अनुसरण करते हुए काम करते हैं। वे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, जल संसाधन, सड़क विकास आदि
आईएएस (IAS) बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिएँ
आईएएस (IAS) अधिकारी बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिएं:
- नागरिकता: भारतीय नागरिक होना आवश्यक होता है।
- शैक्षिक योग्यता: किसी भी स्थान से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या उससे अधिक शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए।
- उम्र सीमा: उम्र सीमा 21 से 32 वर्ष के बीच होती है।
- शारीरिक योग्यता: आईएएस के लिए शारीरिक योग्यता भी आवश्यक है।
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा: आईएएस बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) को पास करना होगा। इस परीक्षा में तीन चरण होते हैं – प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू।
इन सभी योग्यताओं के साथ-साथ, आईएएस अधिकारी बनने के लिए एक उच्च शैक्षणिक स्तर, अच्छी आदर्शवादी सोच और बहुत ही उच्च स्तर की नैतिकता और संगठन क्षमता की आवश्यकता होती है।
12वीं के बाद आईएएस कैसे बने
12वीं के बाद आईएएस बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या उससे अधिक शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए। उम्र सीमा कम से कम 21 वर्ष होती है इसलिए 12वीं के बाद आपको अपनी शैक्षिक योग्यता को बढ़ाने के लिए संबंधित विषयों में स्नातक की उपाधि या संबंधित कोर्स करने की आवश्यकता होती है।
अगला कदम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) की तैयारी के लिए करना होगा। इस परीक्षा में तीन चरण होते हैं – प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू। प्रीलिम्स परीक्षा के लिए, आपको निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करना होगा:
आपको प्रीलिम्स परीक्षा में दो पेपर होते हैं। दोनों पेपर 200-200 अंकों के होते हैं और आपको हर एक पेपर के लिए दो घंटे का समय दिया जाता है।
इस परीक्षा को पास करने के बाद, आपको मेन्स परीक्षा के लिए चयन किया जाएगा। मेन्स परीक्षा आयोग के अनुसार सेवा के अनुसार अलग-अलग होती है।
मेन्स परीक्षा में नौ पेपर होते हैं, जिनमें से सामान्य अध्ययन और भाषा का पेपर आपके अंकों को मान्यता देते हैं।
आखिरी चरण इंटरव्यू होता है। आपको अपनी योग्यता, व्यक्तिगत जानकारी और सामान्य ज्ञान पर आधारित इंटरव्यू दिया जाएगा।
आखिरी चरण के बाद, अंत में सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की जाती है। उनको भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) या अन्य संबंधित सेवाओं में नियुक्ति के लिए चयनित किया जाता है।
यह एक लंबा और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन इस सफलता के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और उत्साह की आवश्यकता होती है।
IAS full form
आईएएस का फुल फॉर्म इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज होता है। The Full Form of IAS is Indian Administrative Services (IAS) यूपीएससी सालाना आधार पर विभिन्न भर्ती परीक्षा आयोजित करता है। सूची में से एक आईएएस परीक्षा है।
आईएएस बनने के चरण
आईएएस की पाठ्यक्रम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा निर्धारित किया जाता है। निम्नलिखित विषयों को परीक्षा में शामिल किया जाता है:
आईएएस का (Syllabus) पाठ्यक्रम
प्रीलिम्स परीक्षा के पाठ्यक्रम:
Official Site Full Details &Full Syllabus Click Here
- सामान्य अध्ययन: भारतीय इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, सामान्य विज्ञान और पर्यावरणीय अध्ययन के मुख्य विषयों से संबंधित प्रश्न।
- सिविल सेवा परीक्षा का द्वितीय पेपर: सिविल सेवा परीक्षा के द्वितीय पेपर में कुल 9 पेपर होते हैं, जिसमें आपको अपने विषय से संबंधित विषयों में दो विषयों का चयन करना होगा।
मेन्स परीक्षा के पाठ्यक्रम:
- सामान्य हिंदी या सामान्य अंग्रेजी भाषा विषय
- नौ विषयों में से दो विषय विशेषज्ञता विषय (इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, जनसंख्या अध्ययन, जीवविज्ञान, फ़िजिकल साइंस इत्यादि)
- आपत्ति निवारण विषय
- एक अनिवार्य विषय: नागरिक शास्त्र, भारतीय संविधान और भारतीय संचार और नैतिकता
IAS कितने साल का कोर्स है?
IAS कितने साल का कोर्स है? आईएएस बनने के लिए सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी में सामान्यतः 2-3 साल का समय लगता ही है। हालांकि कड़ी मेहनत और सही तैयारी से पहली बार में भी सिविल सर्विस की परीक्षा पास की जा सकती है। विद्यार्थियों को जितनी जल्दी हो सके UPSC syllabus को ध्यान में रखकर तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
मुझे इंग्लिश नहीं आती क्या मैं आईएएस बन सकता हूं?
इंग्लिश नहीं आने के बाद भी आप आईएएस बन सकते हो। देश में ऐसे ढेरों उदाहरण है, जो हिन्दी मीडियम से पढाई करके आईएएस ओर आईपीएस बने है। ऐसा ही एक उदाहारण आपके सामने ला रहे है, जिसने हिन्दी मीडियम से पढाई करते हुए पहले आईआरएस के चुना गया। इसके बाद दूबारा परीक्षा दी और वर्ष 2019 बैच का आईएएस बना।
IAS से बड़ा कौन होता है?
IPS अधिकारी को पुलिस विभाग मिलता है. IAS सबसे ऊंचा पद माना जाता है. IAS के बाद ही दूसरी रैंक वालों को जो पद मिलता है वो IPS है. IAS की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBNSAA) में और IPS की ट्रेनिंग सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में दी जाती हैं.
इंटरव्यू कितने नंबर का होता है?
यूपीएससी इंटरव्यू में सफल होने के लिए अधिकतम अंक 275 हैं. 200 से ज्यादा अंकों को उच्च स्कोर माना जाता है (UPSC Interview Marks). यूपीएससी के अनुसार, इंटरव्यू के जरिए उम्मीदवारों की विश्लेष्णात्मक क्षमता (Analytical), पार्श्विक सोच (Lateral), तार्किक निर्णय (Logical) की क्षमता को परखा जाता है.